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क्योंकि विपत्ति धूल से उत्‍पन्‍न नहीं होती; और न कष्ट भूमि में से उगता है

यहाँ कठिनाईयो और मुसीबतो को वह पौधो के रुप मे दर्शाता है।

जैसे चिंगारियाँ ऊपर ही ऊपर को उड़ जाती हैं, वैसे ही मनुष्य कष्ट ही भोगने के लिये उत्‍पन्‍न हुआ है

यह लोगो के लिए है कि वह एक ही बार पैदा होते है और मुसीबतो के कारण वह एक आग की चिंगारी की तरह ऊपर उड़ जाते है।