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क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है?

आपको अभी भी अपनी ईमानदारी के लिए पकड़ना नहीं चाहिए

परमेश्‍वर की निन्दा

“परमेश्‍वर को छोड़ दिया”।

तू एक मूर्ख स्त्री के समान बातें करती है

अय्यूब ने अपनी पत्नी से कहा कि अभी भी मुर्ख स्त्री जैसे बात कर रही है।

क्या हम जो परमेश्‍वर के हाथ से सुख लेते हैं, दुःख न लें*?

सपष्ट रुप से कहा जा सकता है कि हमे परमेश्‍वर से अच्छा और बुरा दोनो प्राप्त करने चाहिए।

सुख लेते हैं

“सभी अच्छी वस्तुओ से लाभ“।

सुख

यह उन सभी अच्छी वस्तुओ को दर्शाता है जो परमेश्‍वर हमे देता है।

दुःख न लें

“शिकायत करके पीड़ित होना”।

दु:ख

यह उन सब बुरी वस्तुओ को दर्शाता है जो हमे परमेश्‍वर का अनुभव कराती है।

मुँह से कोई पाप

यहाँ “मुँह” परमेश्‍वर के सामने पाप द्वारा बोलने को दर्शाता है।