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क्या अय्यूब परमेश्‍वर का भय बिना लाभ के मानता है?

“क्या किसी कारण से अय्यूब परमेश्‍वर का अनादर करता है क्योकि शैतान परमेश्‍वर से कहता है कि अय्यूब सिर्फ तुम्हारी आज्ञा मानता क्योकि तू उसे आशीष देता है क्योकि अय्यूब परमेश्‍वर की आज्ञा का पालण करने का कारण है।”

क्या तूने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बाँधा

यहाँ शैतान कहता कि “आप उसके परिवार और उसकी सब की रक्षा करते हो”।

जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बाँधा

परमेश्‍वर ने अय्यूब और उसके घर की चारो ओर से रक्षा की हुई है।

हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है

“सब कुछ जो वह करता है”।

उसकी सम्पत्ति देश भर में फैल गई है

“वह भूमि मे अधिक से अधिक पशु है”।

परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुँह पर तेरी निन्दा करेगा

शैतान परमेश्‍वर को कहता है कि वह तब ही अय्यूब पर हमला करेगा जब तुम उसके ऊपर से अपना हाथ हटाएगा”।

परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है

यहाँ “हाथ” परमेश्‍वर की शक्ति को दर्शाता है कि अब तुम्हारी शक्ति”।

जो कुछ उसका है, उसे छू

यहाँ “छूना“ तबाही को दर्शाता है कि “उसका सब कुछ नाश कर दिया”।

तेरे मुँह पर

यह उस समय जब परमेश्‍वर ध्यान दे रहा था उसे दर्शाता है कि “उसकी सुनवाई के द्वारा”।

सुन

“देखना”।

वह सब तेरे हाथ में है

यहाँ “हाथ” किसी पर शक्ति से नियंत्रण करने को कहते है कि “तुम उस पर अपनी सारी शक्ति ढाल दो”।

खुद के खिलाफ

उसके शारीर को नुक्सान मत पहुँच।

यहोवा के सामने से चला गया

“यहोवा को छोड़ दिया”।