मेरे दास याकूब, तू मत डर, और हे इस्राएल, विस्मित न हो।
इन दोनों वाक्य का मतलब एक ही है। वे मिलकर यहूदा के लोगों को डर न होने के लिए बढ़ावा देता हैं।
यहोवा की यह वाणी है।
यह बात यहोवा ने कही है।
तुझे किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराऊँगा।”
निश्चित रूप से तुम्हे दंडित करेगा।