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यहोवा का वचन पास पहुँचा।
अत; यहोवा ने यह वचन बोले।
छोटे से लेकर बड़े तक जितने लोग थे।
अत : "हर परकार सामाजिक लोग"।
तुम्हारी विनती उसके आगे कह सुनाऊँ,।
मैं तुम्हारी जरूरी प्रार्थना उसको प्रस्तुत करूंगा"।
मैं तुम को नाश नहीं करूँगा वरन् बनाए रखूँगा।
यहोवा इस्राएल के लोगों को एक दीवार की तरह दर्शाता है जिसे बनाया या फाड़ा जा सकता है। अत: "मैं तुम्हें बनाए रखूँगा और नष्ट नहीं करूँगा।
तुम्हें न उखाड़ूँगा, वरन् रोपे रखूँगा।
यहोवा ने एक और उदाहरण का उपयोग करते हुए बताया कि वह कैसे इस्राएल के लोगों को बनाए रखूँगा। और नष्ट नहीं करेगा। वह उन्हें एक पौधे की तरह दर्शाता है जिस तरह से उसने उन्हें दीवार के रूप में दर्शाया है।
तुम्हारी जो हानि मैंने की है उससे मैं पछताता हूँ*।
यहां एक विपत्ति के बारे में बात की जाती है जो एक व्यक्ति किसी और पर डाल सकता है। अत: "मैं तुम्हारे साथ होने वाली विपत्ति को रोकूंगा"।