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772 B

क्या मैं ऐसा परमेश्‍वर हूँ....... जो दूर नहीं, निकट ही रहता हूँ ?

अत; मे परमेश्‍वर हूँ जो पास और दूर दोनो है।

क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है।

कोई भी गुप्‍त स्‍थान पर नही छिप सकता है इसलिए मै उसे देख न सकूँ ।

क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझसे परिपूर्ण नहीं हैं ?

मै पृथ्वी और आकाश हर जगह हूं।