hi_tn/jer/23/16.md

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कान मत लगाओ।

अत; भविष्यद्वक्ताओं ने तुम्‍को कुछ ऐसा विश्वास करने के लिए प्रेरित किया है जो सत्‍य नही है।

अपने ही मन की बातें कहते हैं।

अत; वे कल्‍पनाऍं जो उन्‍होने की थी।

यहोवा के मुख की नहीं है

अत; यहोवा से नही है।

भला कौन यहोवा की गुप्त सभा में खड़ा होकर उसका वचन सुनने और समझने पाया है? या किस ने ध्यान देकर मेरा वचन सुना है ?

अत; यहोवा को सलाह कोई नही देता है। कोई यह नही समझता है कि यहोवा क्‍या कहता है। यहोवा की आज्ञा का पालन कोई नही करता है।