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यहोवा, हे मेरे बल।

यहाँ यिर्मयाह यहोवा से बात करना शुरू करता है।

मेरे बल और दृढ़ गढ़, संकट के समय मेरे शरणस्थान,।

यिर्मयाह यहोवा की जगह के रूप में बात करता है जहाँ दुश्मन उस पर हमला नही कर सकता।

पृथ्वी की चारों ओर।

“पृथ्वी पर हर जगह।“

हमारे पुरखा झूठी, व्यर्थ।

यहाँ "व्यर्थ" शब्द का अर्थ झूठे देवताओं से है।

वह निष्फल वस्तुओं को अपनाते आए हैं।

यहां “वह” शब्द उन झूठे देवताओं को दर्शाता है जो पूर्वजों ने उन्हें विश्वास करने के लिए सिखाया था। यह दो वाक्‍यो का मूल रूप से एक ही मतलब है,दूसरे के साथ यह स्पष्ट करना कि वे कैसे "खाली हैं।

क्या मनुष्य ईश्वरों को बनाए?

यिर्मयाह इस सवाल पर जोर देने के लिए कहता है कि लोग अपने लिऐ परमेश्‍वर नही बना सकते है। “लोग अपने ईश्वर नही बना सकते है।“

“इस कारण।

इसलिए, वास्तव में।

वे जानेंगे कि।

यहां "वे" शब्द देश के लोगों को दर्शाता है। यहोवा जोर के लिए इस वाक्या को दोहराता है।

अपना भुजबल और पराक्रम।

यहाँ “हाथ” शब्‍द का अर्थ शक्ति और अधिकार से है दो वाक्यांशो मतलब मूल रूप से एक ही बात है और यह यहोवा की महान शक्ति पर जोर देता है। “ मेरी महान शक्ति।“

और वे जानेंगे कि मेरा नाम यहोवा है।

यहां "नाम" शब्द यहोवा के संपूर्ण व्यक्ति को दर्शाता है। अत: "उन्हें पता चल जाएगा कि मैं यहोवा हूँ, सच्चा परमेश्‍वर।"