hi_tn/jer/10/11.md

1.3 KiB

सामान्य जानकारी।

परमेश्‍वर यिर्मयाह से बात कर रहे है।

उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ्य से बनाया, उसने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।

”परमेश्‍वर शक्तिशाली और बुद्धिमान है उसने पृथ्वी और आकाश बनाया है।“

जब वह बोलता है तब आकाश में जल का बड़ा शब्द होता है।

“वह अपने वचनो से अकाश मे आने वाले तूफानो को नियंत्रित करता है।“

और पृथ्वी की छोर से वह कुहरे को उठाता है।

“वह पृथ्वी पर हर स्‍थान पर बादल बनाता है।“

भण्डार।

“एक इमारत जहाँ चीजे रखी जाती है।“