hi_tn/jer/09/19.md

1.8 KiB

सामान्य जानकारी।

यहोवा यहूदा के लोगों के बारे में बात करते रहे।

सिय्योन से शोक का यह गीत सुन पड़ता है।

"लोग यरूशलेम में जोर से रो रहे हैं।"

‘हम कैसे नाश हो गए।

यहोवा बताता है कि जब देश नष्ट हो जाएगा तो यहूदा के लोग क्या कहेंगे। "हम बहुत परेशान हैं।“

हम क्यों लज्जा में पड़ गए हैं, क्योंकि हमको अपना देश छोड़ना पड़ा और हमारे घर गिरा दिए गए हैं।’

“हम बहुत शर्मिदा है दुश्मनों ने हमारे घरों को नष्ट कर दिया और हमें इस्राएल के देश को छोड़ना पड़ा।“

यहोवा का यह वचन सुनो, और उसकी यह आज्ञा मानो।

ये दो वाक्य एक ही बात का अर्थ है और इस आदेश पर जोर दिया है कि सुनो यहोवा क्या कहता है।

तुम अपनी-अपनी बेटियों को शोक का गीत, और अपनी-अपनी पड़ोसिनों को विलाप का गीत सिखाओ।

“फिर दूसरे लोगों को शोक मनाने का तरीका सिखाएँ।“