hi_tn/jer/09/07.md

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सामान्य जानकारी।

यहोवा यहूदा के लोगो के बारे मे बोल रहे है।

प्रजा के लोग।

देश की तुलना एक विशेष दुल्हन से स्नेहपूर्ण तरीके से की जाती है।

उनकी जीभ काल के तीर के समान बेधनेवाली है।

झूठी जीभ के साथ लोगों को चोट पहुँचाती है उसी तरह तीखे तीर लोगों को चोट पहुँचाते हैं।

वे मुँह से तो एक दूसरे से मेल की बात बोलते हैं

“वे अपने शब्दों के साथ कहते हैं कि वे अपने पड़ोसियों के साथ मेल चाहते हैं“

पर मन ही मन एक दूसरे की घात में लगे रहते हैं।

"लेकिन वे वास्तव मे अपने पड़ोसियों को नाश करना चाहते है।“

क्या मैं ऐसी बातों का दण्ड न दूँ......, क्या मैं ऐसी जाति से अपना पलटा न लूँ ?

“मैं उन्‍के कामों के कारण जो वे करते है, मैं इन लोगो को माफ नही कर सकता।“