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सामान्य जानकारी।
यहोवा और यिर्मयाह यहूदा के लोगों के बारे से बाते कर रहें हैं।
भला होता, कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आँखें आँसुओं का सोता होतीं।
यह यिर्मयाह बोल रहा है। "काश मैं और अधिक आँसू बहा सकता।“
रात दिन।
पुरे समय।
मेरे लोगों।
देश की तुलना एक विशेष दुल्हन से स्नेहपूर्ण तरीके से की जाती है।
जो मारे गए है।
"जिसे दुश्मन ने मार दिया है।“
भला होता कि मुझे टिकाव मिलता।
अभी भी यिर्मयाह बोल रहा है। "काश कोई मुझे दे सके।”
मैं अपने लोगों को छोड़कर वहीं चला जाता!।
यह जंगल में यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक इमारत को दर्शाता है, जहां वे रुक सकते हैं और रात भर सो सकते हैं।
अपने लोगों को छोड़कर।
“मेरे लोगों को छोड़ दो।“
वे विश्वासघातियों का समाज हैं।
अन्य लोगों के साथ विश्वासघात करने वाले लोगों का समूह।
यहोवा की यही वाणी है।
जो यहोवा ने कहा है।
अपनी-अपनी जीभ को वे धनुष के समान झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं।
झूठ बोलना दुष्टों की जुबान से कही गए बातो के समान है। इसके अलावा,जब झूठ बोला जाता है वापस नहीं लिया जा सकता है, झूठ बोलना तीर चलाने के सममन है।
परन्तु सच्चाई के लिये नहीं।
यह वाक्यंश संकेत करता है कि ये लोग परमेश्वर के प्रति वफादार नहीं हैं। "वे यहोवा के वफादार नहीं हैं।"
परन्तु सच्चाई के लिये नहीं।
“वह सचाई मे दर्ढ़ि नही है।“
वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं।
“वे बुरे काम करते रहते हैं"