हे आकाश चकित हो, बहुत ही थरथरा और सुनसान हो जा।
बोलने वाला स्वर्ग की ओर मुडकर बात कर रहा है।जैसे कि कोई व्यक्ति हो।
सोते को त्याग दिया है।
मुझे छोड़ दिया, उनका सोता।
उन्होंने हौद बना लिए,।
अत; “व्यर्थ देवताओ की पूजा करके।“
तलाब
जमा किये हुऐ पानी के लिए गहरा हौद।