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907 B

अर्पण

इसका अर्थ यह है कि किसी के लिए कुछ करना।

ढालकर

इस धाँतु को पिघला कर उसमे मुर्ती बनाने के लिए तैयार किया जाता है।

मैं उसे तुझको वापस देती हूँ

“मै इसे आपको वापस दे दूँगी”।

दो सौ टुकड़े ढलवैये को दिया

“200 चाँदी के टुकड़े”।

वे मीका के घर में रहीं

यह स्पष्ट रूप से कह जा सकता है कि यह शब्द “वे” मुर्ती के आकार को दर्शाता है कि “वह मीका के पर रही”।