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गिदोन

गिदोन एक इस्राएली आदमी था, जिसने इस्राएलियों को अपने दुश्मनों से छुड़ाने के लिए परमेश्‍वर की आज्ञा मानी थी। उस समय गिदोन जहाँ रहता था, जब मिदानियो नाम का एक समूह इस्राएलियों पर हमला करता रहा और उनकी फसलों को नष्ट करता रहा। हालाँकि गिदोन डर गया था, फिर भी परमेश्‍वर ने उसका इस्तेमाल किया ताकि वह इसराएलियों को मिद्यानियो के खिलाफ लड़ने और उन्हें हराने के लिए ले जा सके। गिदोन ने भी दूसरे देवताओ की पूजा करके परमेश्‍वर की आज्ञा का पालण ना किया। उसने सिर्फ लोगो को हराने और अपने दुश्‍मनो को हराने के लिए नही प्रेरित किया बल्कि उन्हे सच्चे परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा मानने और उसकी उपासना करने के लिए भी बड़ावा दिया।

परमेश्‍वर

बाइबल मे शब्द “परमेश्‍वर” उसे दर्शाता है जिसने पुरे ब्रह्मांड को बनाया है। जो कि परमेश्‍वर पिता, पुत्र और पवित्र-आत्मा के रूप मे विद्यामान है। परमेश्‍वर का नाम “यहोवा“ है। परमेश्‍वर हमेशा अस्तित्व में रहा है, और वह हमेशा के लिए अस्तित्व में रहेगा। वह एक सच्चा परमेश्‍वर है और ब्रह्मांड मे सब कुछ उसके अधिकार मे है। परमेश्‍वर पूरी तरह से धर्मी है, असीम बुद्धिमान, पवित्र, निष्पाप, न्याय, दयालु, और प्यार करता है। वह एक वाचा रखने वाला परमेश्‍वर है जो अपने वायदे को हमेशा पूरा करता है। लोगो को परमेश्‍वर की आराध्‍ना करने के लिए बनाया गया है और उन्हे केवल परमेश्‍वर की ही आराधना करनी चाहिए। परमेश्‍वर ने अपना नाम यहोवा के रुप मे प्रकट किया जिसका अर्थ यह है कि “मै हूँ”। बाइल उन झूठी देवियो के बारे मे यह सिखाती है जो कि निर्जीव मूर्तियों है जिनकी लोग गलत तरीके से पूजा करते है।

क्रोध, क्रोध

“गुस्सा होना” का अर्थ है कि किसी के खिलाफ परेशान होना है। जब लोग क्रोध मे आते है तो वह पापी और स्वार्थी हो जाते है लेकिन कभी अत्याचार और धर्म के प्रति भी क्रोध होता है। परमेश्‍वर का क्रोध पाप के बारे मे बहुत कड़ी नाराजगी व्यक्त करता है। इस वाक्यांश का अर्थ यह है कि “किसी कारण से गुस्सा होना”।

परीक्षा

यह शब्द “परीक्षा” एक मुशकिल या दर्दनाक घटना है जिस से व्यक्ति की कमजोरियो का पता चल जाता है। परमेश्‍वर लोगो की परिक्षा करता है लेकिन उन्हे लुभाता नही है पर शैतान लोगो को पाप करने के लिए लुभाता है। जेसे सोने का परीक्षण करने के लिए उसे आग मे तपाया जाता है कि वह शुद्ध और मजबूत है उसी प्रकार परमेश्‍वर लोगो को मुसीबत मे ड़ालकर उनकी परीक्षा लेता है। मुसीबत मे डालकर वह लोगो को तरीक्षा करने की चुनोती देता है। यीशु ने शैतान से कहा कि तूने परमेश्‍वर की परीक्षा लेकर गलत किया है। कि वह तो यह परमेश्‍वर है जो सब के लिए सब कुछ कर सकता है।