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जब यहोशू ने

यहाँ “अब” मुख्य कहानी कि शूरुआत होती है कि यहा यह ब्यान किया गया है कि यहोशू के मरने बाद इस्राएलियो की पीढीयो ने देवताओ की पूजा की कि यहोवा ने ढंड़ित कर दिया। लेकिन फिर उन्हे बचाने के लिए याजको भेज दिया।

जब यहोशू…यहोशू एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया।

यहोशू के मरने के बाद 1:1-2:5 की घटनाए घटित हुई।यह सारी घटनाए यहोशू की पुस्तक मे अंत तक लिखी गई है।

निज भाग पर गए

इस वाक्य को स्पष्ट रूप मे कहा जा सकता है कि “वह जगह जो यहोवा ने उन्हे दी थी“।

जीवन भर

इसका मतलब उस समय से है जब कोई रहता था।

उन वृद्ध

इसका अर्थ यह है कि यह वह लोग है जिन्होंने इस्राएल का नेतृत्व करने, समाजिक न्याय के मामलो मे भाग लेने और मूसा की व्यवस्था बनाए रखने जैसे धार्मिक मामलों में मदद की।

मरने के बाद जीवित रहे

इसका अर्थ यह हे कि वह बहुत लम्बे समय तक जीवित रहा।

नून

यह एक पुरुष का नाम है।