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हे भाइयों

“मेरे विश्वासी भाइयों और बहनों”

यदि तुममें से कोई सत्य के मार्ग से भटक जाये और कोई उसको फेर लाये।

यह एक रूपक है। परमेश्वर की आज्ञा न मानने वाले विश्वासी की यहाँ एक भटकी हुई भेड़ से तुलना की गई है। वह विश्वासी जो ऐसे पथभ्रष्ट विश्वासी को प्रभु में लौटा लाता है वह उस चरवाहे के समान है जो भेड़ को लौटा कर पुनः वृन्द में ले आता है। इसका अनुवाद होगा, “यदि कोई परमेश्वर की आज्ञा मानना छोड़ देता है और दूसरा विश्वासी उसे पुनः आज्ञा पालन में सहायता प्रदान करता है।”

तो वह यह जान ले

“जो उस पथभ्रष्ट विश्वासी को लौटा लाया है यह जान ले”

भटके हुए पापी को फेर लायेगा।

“विश्वासी को जो परमेश्वर के सम्मान का जीवन नहीं जी रहा है ऐसा करने से रोक ले।”

वह एक प्राण को मृत्यु से बचायेगा और अनेक पापों पर परदा डालेगा।

याकूब “प्राण” शब्द के उपयोग द्वारा यह दर्शाना चाहता है कि मृत्यु इस जीवन की मृत्यु से अधिक है। “प्राण” पापी का द्योतक है। “मृत्यु” अर्थात आत्मिक मृत्यु। इसका अनुवाद होगा, “वह पापी को आत्मिक मृत्यु से बचायेगा और परमेश्वर उस पापी के सब पाप क्षमा कर देगा।”