hi_tn/jas/05/16.md

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एक दूसरे के सामने

“आपस में”

एक दूसरे के लिए

“भाइयों के लिए”

जिससे चंगे हो जाओ

इसका अनुवाद कतृवाच्य वाक्य में किया जा सकता है, “कि परमेश्वर तुम्हें ज्ञवास्थ्य प्रदान करे।”

धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।

इसका अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “परमेश्वर का आज्ञाकारी जन जब प्रार्थना करता है तब परमेश्वर बड़े-बड़े काम करता है।”

गिड़गिड़ाकर

“यत्न से” या “प्रबल” या “मन की गहराई से”

तीन...छः

"3....6"

आकाश से वर्षा हुई

यहाँ आकाश का अभिप्राय परमेश्वर से है। “परमेश्वर ने वर्षा दी”