hi_tn/jas/04/06.md

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वह और भी अधिक अनुग्रह देता है।

यह वाक्य 4:5 से कैसे संबंधित है, स्पष्ट करें, “परन्तु यदि हमारी आत्मायें उन वस्तुओं की लालसा करें जिन्हें हम प्राप्त नहीं कर सकते तो परमेश्वर हमें और भी अधिक अनुग्रह प्रदान करता है परन्तु तब जब हम स्वयं को दीन बनायें।”

परमेश्वर....विरोध करता है

“परमेश्वर विरोध करता है”

अभिमानियों

“घमंडी लोग”

दीनों पर

“विनम्र लोगों पर”

इसलिए

“इस कारण”

परमेश्वर के अधीन हो जाओ

“परमेश्वर के अधीन समर्पित हो जाओ” इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “परमेश्वर की आज्ञा मानो”

शैतान का सामना करो

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “जो शैतान चाहता है वैसा कभी नहीं करता”

तुम्हारे पास से भाग निकलेगा

“शैतान भाग खड़ा होगा”