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ऊपर ही से है।

“स्वर्ग से ही है”

ज्योतियों के पिता

परमेश्वर आकाश के सब प्रकाश पुंजों का सृजनहार है। (सूर्य, चांद, सितारे)

अदल-बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।

यह एक उपमा है जो अपरिवर्तनीय परमेश्वर जो एक शाश्वत ज्योति है, उसकी तुलना आकाश के परिवर्तनशील प्रकाश (सूर्य, चाँद, सितारे) से की गई है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर उन छायाओं के जैसा नहीं है जो कभी दिखाई देता है, कभी दिखाई नहीं देता है।”

हमें

अर्थात याकूब और उसके पाठक

उत्पन्न किया

“हमें आत्मिक जीवन दिया” (यू.डी.बी)

सत्य के वचन के द्वारा

“शुभ सन्देश” या “यीशु की शिक्षायें”

एक प्रकार के प्रथम फल

याकूब कह रहा है कि जैसे किसी फसल का प्रथम फल होता है, उसी प्रकार उसके पाठक प्रथम विश्वासी हैं जिनसे भविष्य में असंख्य विश्वासी उत्पन्न होंगे।

उसकी सृष्टि की हुई वस्तुओं में

“उसके लोगों में”