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याकूब

याकूब प्रभु यीशु का भाई था। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मैं, याकूब...”

परमेश्वर के और मसीह यीशु के दास

यहाँ “मैं” अभिप्रेत है। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मैं परमेश्वर का, और प्रभु यीशु मसीह का दास”।

उन बारह गोत्रों को तितर बितर होकर रहते हैं।

याकूब यह पत्र उन बारह यहूदी गोत्रों को लिख रहा है जो यहूदिया प्रदेश के बाहर विभिन्न रोगी नगरों में भाग गये थे क्योंकि स्तिफनोस के पथराव के बाद मसीही विश्वासियों को सताया जाने लगा था।

बारहों गोत्रों

अंकों को एकरूप लिखने का प्रयास करें। इसको इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है, “12 गोत्र”

नमस्कार पहुंचे

यह एक मुख्य अभिवादन था जैसे “नमस्कार” या “शुभ दिवस”।

हे मेरे भाइयों जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनंद की बात समझो।

“मेरे विश्वासी भाइयों, अपने सब संकटों को उत्सव की बात समझो।”

यह जानकर कि तुम्हारे विश्वास में परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।

क्योंकि तुम तो जानते हो कि तुम्हारे विश्वास की कसौटी तुम्हारे विश्वास को दृढ़ ही करती है।