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877 B

“आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है;

इस बात को महत्तव देने के लिऐ कि वह कितना महान है, यहोवा आकाश की तुलना सिंहासन और धरती की चरनो की चौकी से करता है।

तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?

यहोवा महत्तव देने कि लिऐ प्रश्‍नो का इस्‍तमाल कर रहा है कि मनुष्‍य उसके रहने के लिऐ स्‍थान नही बना सकते।