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# सामन्य जानकारी
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यहोवा लगातार बाते कर रहा है।
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# क्योंकि देखो
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“समझो और धयान दो”
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# मैं नया आकाश और नई पृथ्वी उत्पन्न करता हूँ;
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दोनों चरम सीमाएं हैं जो सब कुछ के बीच का प्रतिनिधित्व करती हैं
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# पहली बातें स्मरण न रहेंगी और सोच-विचार में भी न आएँगी।
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“तुम सोचोगे भी नही की पहिले क्या हुवा था”
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# तुम हर्षित हो
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यहा “तुम” यहोवा के दास को दर्शाता है।
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# उसमें फिर रोने या चिल्लाने का शब्द न सुनाई पड़ेगा।
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“कौई भी रोने को नही सुनेगा और न ही विनाश कि चिलाहट को“
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