hi_tn/isa/59/14.md

584 B

सामन्‍य जानकारी

यशायाह लगातार बाते कर रहा है।

न्याय तो पीछे हटाया गया

“लोग न्‍याय को पीछे धकेल देते है।”

न्याय...धर्म...सच्चाई ...सिधाई ...सच्चाई

यह सब विचार हैं जिनको यशायाह एक व्‍याकित की तरह विवहार करने वाला दर्शा रहा है।