hi_tn/isa/56/06.md

1.1 KiB

जो यहोवा के साथ इस इच्छा से मिले हुए हैं

यह उन विदेशियों को दर्शाता है जो यहोवा के लोगों में शामिल हो गए हैं।“

और यहोवा के नाम से प्रीति रखें

“जो यहोवा को प्‍यार करते है।”

पवित्र पर्वत

“पवित्र पर्वत“ सियोन का पर्वत है, यरूशलम में।“ सारे यहोवा के पवित्र पर्वत पर“

मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएँगे;

“मैं वेदी पर उनको सविकार कर लूँगा”

मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा।

“मेरा घर प्राथना का घर होगा”