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सामन्‍य जानकारी

यशायाह लगातार यहोवा के दास का वर्नण कर रहा है।

निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दुःखों को उठा लिया

“उसने हमारी बीमारीयो और दुखो को अपने उपर उठा लिया।”

तो भी हमने उसे परमेश्‍वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।

"फिर भी हमने सोचा कि परमेश्‍वर ने उसे सजा दे रहा है और उसे पीड़ित कर रहा है।"