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सामन्य जानकारी
यहोवा की इस्राएल के लोगो के साथ बात जारी है।
हे याकूब, इस्राएल
ये दोनों इस्राएल के लोगों को दर्शाते हैं।
मैं ही आदि और मैं ही अन्त हूँ।
“मैं ही हूँ जो सबको बनाता हूँ और मैं ही हूँ जो सबको खतम करता हूँ।”
मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नींव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया
यहा पर “हाथ” यहोवा को दर्शाता है “मेरे ही हाथो ने धरती की नीव को रखा था और आकाश को फैलाया था।”
पृथ्वी की नींव
धरती को अंदर से संभालने वाला ढांचा ।
आकाश फैलाया
यहोवा ने आकाश को बनाया है ऐसा कहा है जैसे कि आकाश एक कपड़ा है जिसे यहोवा फैलाता है।
जब मैं उनको बुलाता हूँ*, वे एक साथ उपस्थित हो जाते हैं।
एक साथ उपस्थित हो जाना, उसकी आग्या मानने को त्यार रहना का एक उपमा है। यहोवा धरती और आकाश को ऐसे कहता है जैसे कि वह उसकी आग्या मानने और सुनने के काबल है।
जब मैं उनको बुलाता हूँ
“जब मैं आकाश और धरती को बूलाता हूँ।”