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वह राख खाता है*;

यहोवा का कहता है कि किसी व्‍याकित का मूर्तो को पूजना ऐसे है जैसे के कोई लकड़ी की बनाई हूई मूर्तो की राख खाता है। ठीक जैसे लकड़ी की राख खाना कोई लाभ नही वेसे ही मूर्ती की पूजा भी करनी बेकार है।

भरमाई हुई बुद्धि के कारण वह भटकाया गया है

“क्‍योकि उसने धोखा खाया है इस लिऐ वह भटक गया है”

वह न अपने को बचा सकता

“जो व्‍याकित मूर्तो की पूजा करता है वह अपने आप को बचा नही सकता।”