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815 B
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देवता
“मूर्ती” जिसकी लोग पूजा करते है बजाऐ सच्चे परमेश्वर के।
मूरत
यह त्यार की गयी मूर्ती का एक नाम है।
दण्डवत्
झुक कर किसी को सम्मान देना जिसमें सर ओर दोनो हाथ धरती पर होते है।
प्रणाम
“प्रणाम” किसी को मन से आदर और सम्मान देना।
प्रार्थना
इसका इसतेमाल लोगो की तरफ से मूर्तो से बाते करने को दर्शाता है।