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सामान्‍य जानकारी

यहोवा बात करना जारी रखता है।

जिन वस्तुओं में वे आनन्द ढूँढ़ते उनसे कुछ लाभ न होगा

“वह बेकार में ही मूर्तो से प्रसंन होते है।”

उनके साक्षी, न तो आप कुछ देखते और न कुछ जानते हैं,

जो साक्षी होकर मूर्तो की सेवा करते है उन अन्‍धो के समान हैं जो कुछ भी नही जानते।”

इसलिए उनको लज्जित होना पड़ेगा।

“उन्‍हे मूर्तीयो के कारण लज्‍जित होना पड़ेगा।”

किसने देवता या निष्फल मूरत ढाली है?

सिरफ मूरख लोग ही मूर्तो को बनाते है

मूरत खोदकर बनाते हैं

“तुच्‍छ मूर्तो ।”