hi_tn/isa/42/20.md

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सामन्‍य जानकारी

यहोवा लगातार इस्राएल के लोगो के साथ बात कर रहा है।

तू बहुत सी बातों पर दृष्टि करता है परन्तु उन्हें देखता नहीं है;

“यधपि तू कई चीजो को देखता है तू नही समझता कि उनका अर्थ क्‍या है”

कान तो खुले हैं परन्तु सुनता नहीं है

“लोग सुनेगे परंन्तू कोई भी नही समझ पाऐगा कि उन्‍होने क्या सुना है”

यहोवा को अपनी धार्मिकता के निमित्त ही यह भाया है कि व्यवस्था की बड़ाई अधिक करे

"यहोवा ने अपने कानून को शानदार बनाकर अपने न्याय का सम्मान करने की कृपा की और उसे आनन्‍दित हुआ।"