hi_tn/isa/40/23.md

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तुच्छ कर देता है,

“यहोवा निच्‍चा करता है”

देख...देख...देख

ये शब्द पर जोर डाला गया हैं की क्‍या करना चाहिए।

वे रोपे ही जाते...वे सूख जाते,

नबी शासकों को यहोवा के सामने असहाय होने की बात करते हैं जैसे कि वे नए पौधे थे जो नाश हो जाते हैं जब एक गर्म हवा उन पर उड़ती है।

वे रोपे ही जाते...वे बोए ही जाते,

"जैसे ही कोई उन्हें रोपता है ... जैसे ही कोई उन्हें बोता है"

वह उन पर पवन बहाता

“नबी बता रहा है कि यहोवा हालमो को पदवी से हटा रहा है जैसे कि यहोवा तपती हुई हवा थी जो उन पर‍ चलती है और उनको सूखा देती है”

आँधी उन्हें भूसे के समान उड़ा ले जाती है

“यहोवा के न्‍याय की हवा सूखे पौधे को इतनी आसानी से हटा देगी जैसे हवा भूसे को आसानी से उड़ा देती है”