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सामान्‍य जानकारी

“परमेश्‍वर के लोगो से यशायाह की बातें जारी है”

क्या तुम नहीं जानते? क्या तुमने नहीं सुना? क्या तुम को आरम्भ ही से नहीं बताया गया? क्या तुमने पृथ्वी की नींव पड़ने के समय ही से विचार नहीं किया?

"आप निश्चित रूप से जानते हैं और सुना है! यह आपको शुरू से ही बताया गया है; आप पृथ्वी की नींव से समझ गए हैं!"

क्या तुम को आरम्भ ही से नहीं बताया गया?

“क्या लोगो ने तुम्हे शुरुआत से नही बताया”

पृथ्वी की नींव पड़ने के समय ही से

“उस समय से जब से यहोवा ने धरती को बनाया था”

यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है

नबी कहता है कि यहोवा धरती पे राज कर रहा है जैसे के यहोवा धरती के उपर सिंहासन पर बैठा है”

पृथ्वी के रहनेवाले टिड्डी के तुल्य है;

“जैसे के इन्सान के लिए टिड्डे छोटे है वैसे ही इन्सान परमेश्‍वर के लिए छोटे और कमजोर है”

जो आकाश को मलमल के समान फैलाता और ऐसा तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है;

“वह आकाश को इस तरह फैलाता है जैसे कि इन्सान किसी परदे को खोलता है”