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शान्ति दो, शान्ति दो!

“शांती” शब्‍द का बार-बार इस्तेमाल इस शब्‍द पर जोर दिलाने के लिए कहा है।

तुम्हारा परमेश्‍वर यह कहता है,

यहाँ "तुम्‍हारा" बहुवचन है और उन लोगों को संदर्भित करता है जिन्हें नबी परमेश्‍वर के लोगों को आराम देने के लिए कहता है।

यरूशलेम से शान्ति की बातें कहो

“यरूशमल के लोगो से कोमलता से बाते करो”

उससे पुकारकर कहो...तेरी कठिन सेवा... तेरे अधर्म ...पा चुका है...तू अपने सब पापों का

“ उनके ऊपर दावा करो...उनकी कठिन सेव... उनके अधर्म ...ऊनका पा चुका होना... उनके सब पापों का “

तेरी कठिन सेवा.

संभावित अर्थ यह है कि "कठिन सेवा" शब्द का अर्थ है 1) सैन्य लड़ाई या 2) जबरदसती श्रम।

तेरे अधर्म का दण्ड अंगीकार किया गया है

“यहोवा ने उनके अधर्म को माफ कर दिया है”

यहोवा के हाथ से

“यहोवा की ओर से”