hi_tn/isa/35/01.md

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जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरूभूमि मगन होकर केसर के समान फूलेगी;

“यह जंगल के समान हो जायेगा और निर्जल देश आनंदित होगे और मरूभूमी खुशी मनाऐंगे”

फूलेगी

“और इसके पौधे प्रफूलित होगे”

केसर के समान फूलेगी; वह अत्यन्त प्रफुल्लित होगी

“मरुभूमी कई नये पेड़ और पौधे ऊगाऐगी”

आनन्द के साथ जयजयकार करेगी।

“यह ऐसा होगा जैसे कि हर कोई चीज गा और खूशी मना रही हो“

उसकी शोभा लबानोन की सी होगी

“यहोवा इसको लबानोन की तरह तेजस्‍वी बनाऐगा”

वह कर्मेल और शारोन के तुल्य तेजोमय हो जाएगी।

"कार्मेल और शारोन का वैभव इसे दिया जाएगा"

यहोवा की शोभा और हमारे परमेश्‍वर का तेज देखेंगे।

इन दोनों वाक्यांशों का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है और यहोवा की उपस्थिति पर जोर देता है।