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इसलिए सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहरबन्द की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं,

“सब जो यहोवा ने तुम्हे प्रकट किया है मुहरबंद पुस्‍तक के समान है।”

मुहरबन्द की, जिसे कोई पढ़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे,

“मुहरबंद है। व्‍यक्‍ति इस मुहरबंद पुस्‍तक को पढ़े-लिखे मनूष्‍य के पास ले जाये।”

वही पुस्तक अनपढ़ को दी जाए,

“यदि कोई मनुष्‍य किसी भी व्‍यक्‍ति के पास ले जाऐ जो पढ़ नही सकता”