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घमण्ड पर हाय!...जो अति उपजाऊ तराई के सिरे पर दाखमधु से मतवालों की है।

यहाँ पर “फूलो के हार“ को सामरीया शहर दर्शाया गया है, जो कि इस्राएल की राजधानी है। सामरीया और उसके लोगो के नाश को इस तरह कहा गया है जैसे फूलो के हार कुछ समय के बाद मुरझा जाते है, और उनकी सुंदरता खतम हो जाती है।

देखो,

“सुनो” या “धयान दो”

दाखमधु से मतवालों की

जो दाखमधू के मतवाले है।

प्रभु के पास एक बलवन्त और सामर्थी है

”परमेश्‍वर एक राजा को उसकी बलशाली सेना के साथ भेजेगा”

ओले की वर्षा

“ओले की वर्षा“ तब होती है जब ठोस बरफ ऊपर से गिरती है”, “ यहा पर “ओले की वर्षा“ विरोधी सेना को दर्शाती है जो कि यहोवा सामरीया के लोगो को नाश करने के लिए भेजेगा”

वह उसको कठोरता से भूमि पर गिरा देगा।

राजा और उसकी बलशाली सेना सामरीया के लोगों का नाश कर रही है को इस तरह कहा गया है जैसे के राजा लोगो के फूलो के हार को भूमि पे गिरा देगा।