hi_tn/isa/27/12.md

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# उस समय
“यह वाक्‍यांश होने वाली खास घटना की निशानी है”
# उस समय
“उस समय”
# यहोवा फटकेगा
यहोवा ने अपने लोगों को विदेशी राष्ट्रों से वापस इस्राएल की भूमि पर लाने के लिए इकट्ठा किया, जैसे कि वह गेहूं को झाड़ू से दाना अलग करने के लिए फेंक रहे थे।
# फरात से लेकर मिस्र के नाले तक
यशायाह ने फरात नदी और मिस्र के नाले का उल्लेख करते हुए कहा है कि यहोवा इस्राएल के लोगों को वापस लाएंगे जिन्हें उन पानी के पास भूमि में देश निकाला किया गया था, अर्थात् अश्‍शूर और मिस्र। फरात नदी इस्राएल के उत्तर-पूर्व में है, और मिस्र का नाला इस्राएल के दक्षिण-पश्चिम में है।
# मिस्र के नाले
“मिस्र की नदी”
# तुम... एक-एक करके इकट्ठे किए जाओगे।
“यहोवा एक एक करके तुम्हे इकट्ठे करेगा”
# बड़ा नरसिंगा फूँका जाएगा,
“कोई ऊची आवाज में नरसिंगा फूंकेगा”
# जो अश्शूर देश में नाश हो रहे थे और जो मिस्र देश में बरबस बसाए हुए थे
“वह जो देश निकाला में है अश्‍शूर और मिस्र के देश में मर रहे है वह वापिस इस्राएल की धरती पर आऐंगे”
# पवित्र पर्वत
“पवित्र पर्वत“ सिय्योन का पर्वत है, यरूशलम में। “सारे यहोवा के पवित्र पर्वत पर“