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क्योंकि गढ़वाला नगर...डालियों की फुनगी को खा लेंगे
यहाँ यशायाह भविष में होने वाली घटना का इस तरह वर्नण कर रहा है जैसे के वह पहले ही घट चुकी है। यह इस बात पर जोर देती है कि यह जरुर होगा।
क्योंकि गढ़वाला नगर निर्जन हुआ है, वह छोड़ी हुई बस्ती के समान निर्जन और जंगल हो गया है
“शहर जो मजबूत हैं और जिनमे बहुत सारे लोग रहते है, खाली और उजाड़ हो जाऐगे”
गढ़वाला नगर... बस्ती के
“यह किसी खास शहर या बस्ती को नही दर्शाता यह तो आम शहर और बस्ती के लिए है“
हाँ बछड़े चरेंगे और वहीं बैठेंगे, और खा लेंगे।
"बछड़े चरेंगे, और वहाँ वे लेट जाऐंगे और वही नष्ट कर देगे"
जब उसकी शाखाएँ... लोग निर्बुद्धि हैं;
लोग इतने कमजोर होते जा रहे हैं क्योंकि वे यहोवा की आज्ञा को नही मानते हैं ताकि दुश्मन उन्हें आसानी से नष्ट कर सकें को इस तरह बताया गया है जैसे कि वे सूखी शाखाएं हैं जो औरते एक पेड़ से तोड़ देती हैं।
जब उसकी शाखाएँ सूख जाएँ तब तोड़ी जाएँगी*; और स्त्रियाँ आकर उनको तोड़कर जला देंगी।
“जब शाखाऐं सूख जाऐगी, औरते आऐगी और उन्हें आग में झोंक देगी”
ये लोग निर्बुद्धि हैं;
“यह वो लोग नही है जो यहोवा को और उसकी विधीयो को समझते है।“
लोग
संभव अर्थ हैं १)"लोग" इस्राएल के लोगों को दर्शाता हैं या २) "लोग" विदेशी राष्ट्रों के लोगों को दर्शाता हैं जो इस्राएल के लोगों पर अत्याचार करते हैं।
इसलिए उनका कर्ता उन पर दया न करेगा, और उनका रचनेवाला उन पर अनुग्रह न करेगा।
"क्योंकि वे यहोवा नहीं समझते हैं, जिसने उन्हें बनाया है, वह उन पर दया नहीं करेगा"