क्योंकि समुद्र ने अर्थात् समुद्र के दृढ़ स्थान ने यह कहा है...न बेटियों को पोसा है।
यहोवा भूमध्य सागर को बोलने के रूप में वर्णन कर रहा है। सोर के लोग समुद्र को अपना परमेश्वर और पिता मानते थे। या तो अर्थ में वक्ता शोक करता है क्योंकि उसके बच्चे नष्ट हो जाते हैं।