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हे फाटक, तू हाय! हाय! कर; हे नगर, तू चिल्ला;
यहाँ पर “फाटक” ओर “नगर” लोगो का नगर और फाटक के अंदर होना को दर्शाता है। “ हे फाटक के अंदर के लोगो तुम हाय-हाय करो; शहर के अंदर के लोगो तुम चिल्लाओ”
तू सब का सब पिघल जा!
“ड़र से तुम और कमजोर हो जाओगे”
क्योंकि उत्तर से एक धुआँ उठेगा
इसका मतलब उतर से एक बडी सैना आयेगी। “उतर में से धुऐं के बादलो के साथ एक बड़ी सेना आती है”
धुआँ
“बहुत सारा धूँआ”
उसकी सेना में से कोई पीछे न रहेगा।”
“उसके वर्ग में चलने वालो में से कोई भी पीछे नही रहेगा”
तब जाति-जाति के दूतों को क्या उत्तर दिया जाएगा?
यह इस बात को बताता है कि हम किस तरह पलिश्तीनीयो के दूतो को जवाब देंगे।
“यहोवा ने सिय्योन की नींव डाली है,
यहोवा ने सिय्योन को बनाना आरंभ कर दिया है।
उसमें
“यरूशलम में“ या “वहां”
उसकी प्रजा के दीन लोग
“उसके वह लोग जो दीन है”