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इस कारण जब प्रभु सिय्योन पर्वत पर और यरूशलेम में अपना सब काम कर चुकेगा,… बदला दूँगा।
यहोवा अपने आप को ऐसे बता रहा है कि वह कोई और है। जब मैं, परमेश्वर, सिय्योन के पहाड़ पर और यरूशलम में अपना काम खत्म किया, तब मैं सजा दूंगा”
पर्वत पर अपना सब काम.... औरयरूशलेम में
उसका सजा देने का काम। “ सजा देना.... और सजा देना”
तब मैं अश्शूर के राजा के गर्व की बातों का, और उसकी घमण्ड भरी आँखों का बदला दूँगा।
"मैं अश्शूर के राजा को उसके द्वारा कहे गए अभिमानी बातों और उसके चेहरे पर गर्व की नज़र के लिए दंडित करूंगा"
गर्व की बातों का
“क्योकि अश्शूर का राजा कहता है”
मैंने देश-देश की सीमाओं को हटा दिया,
“मेरी सैना ने लोगो की सीमायों को हटा दिया था”
वीर
“बैल कि तरह मजबूत” कुछ पुराने लिखत में पड़ते “एक ताकतवर आदमी “
उतार दिया है।
"मैं और मेरी सेना लाए हैं"
मैंने वीर के समान गद्दी पर विराजनेहारों को उतार दिया है।
उसने देशों के राजायो को हटा दिया ताकि वह राज्य ना करे।