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तुम दण्ड के दिन और उस विपत्ति के दिन जो दूर से आएगी क्या करोगे?

“न्‍याय के दिन तुम कुछ भी करने के योग्य‍ नही होगे..... दूर”

तुम दण्ड के दिन

“जिस दिन यहोवा आऐगा और तुम्हारा न्‍याय करेगा”

तुम सहायता के लिये किसके पास भाग कर जाओगे? तुम अपने वैभव को कहाँ रख छोड़ोगे?

“तुम मदद के लिऐ कही भी भाग नही पाओगे, तुम अपने वैभव को कही छूपा नही पाओगे”

वे केवल बन्दियों के पैरों के पास गिर पड़ेंगे

“तुम्हारे करने के लिए कुछ भी नही रहा”

वे केवल बन्दियों के पैरों के पास गिर पड़ेंगे और मरे हुओं के नीचे दबे पड़े रहेंगे।

"और आपके दुश्मन या तो आपको एक कैदी के रूप में ले जाएंगे या आपको मार देंगे"

इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ

"हालांकि ये सब बातें हुई है, वह अभी भी गुस्से में है, और उसका हाथ“

उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है।

“अभी भी वह उनको सजा देने के लिए तैयार है”