hi_tn/isa/10/01.md

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हाय उन पर जो दुष्टता से न्याय करते, और उन पर जो उत्पात करने की आज्ञा लिख देते हैं,

इन दोनो वाक्‍यांशो का सामान्‍य अर्थ एक ही है। "उन लोगों के लिए जो कानून बनाते हैं और फरमान जारी करते है जो हर किसी के लिए उचित नहीं है"

कि वे कंगालों का न्याय बिगाड़ें और मेरी प्रजा के दीन लोगों का हक़ मारें,

"वे मेरे लोगों के बीच गरीबों और जरूरतमंदों के साथ अन्याय कर रहे हैं"

कंगालों का

“गरीब लोग”

विधवाओं को लूटें

“जिन औरतों के पती नही है उनका सब कुछ छिन लेना”

अनाथों का माल अपना लें!

“और उन बच्‍चों का नुकसान करते है जिनके माता पिता नही है जैसे कि जानवर शिकार के पीछे भागता है।”

(अनाथ) शिकार

एक जानवर है जिसको दुसरे जानवर पकड़ना और मारना चाहते है।