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तो भी संकट-भरा अंधकार जाता रहेगा।

“यहोवा उनमें से अंधेरे को निकाल देगा जो संकट में है।

अंधकार

इस शब्‍द का अर्थ “आधा या पूरा अंधेरा”।

जो संकट में है

वह जो महान ऊदासी और दर्द से गुजर रही थी। “हो सकता है यह एक उपनाम है यहूदा के लोगो के लिए”।

पहले तो उसने जबूलून और नप्ताली के देशों का अपमान किया,

“देश” उस क्षेत्र में रहने वाले लोगो को दर्शाता है। अत: “भूतकाल में, परमेश्‍वर ने जबूलून और नप्ताली के देशों में रहने वालो को नम्र किया था”

परन्तु अन्तिम दिनों में ताल की ओर यरदन के पार की अन्यजातियों के गलील को महिमा देगा।

यहा “को” गलील में रहने वाले लोगो को संकेत करता है। "लेकिन भविष्य में, प्रभु राष्ट्रों के गलील के लोगों का सम्मान करेंगे, जो भूमध्य सागर और यरदन नदी के बीच सड़क पर है"

अन्यजातियों के गलील

"गलील, जहां कई विदेशी रहते हैं"

जो लोग घोर अंधकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे,

यशायाह उन लोगो के बारे मे बता रहा है जो पाप में जीवन बिता रहे है। और इसलिए वह सहन कर रहे है जैसे कि वह अंधेरे मे चल रहे थे और मौत की धाटी में रह रहे हौं।

उन पर ज्योति चमकी

यहाँ “रोशनी” आशा और छुटकारे को बताती है।

मृत्यु के देश में

“गहरे अंधेरे का देश”