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सामान्‍य जानकारी

यशायाह कह रहा है।

जब लोग तुम से कहें, “ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं,” तब तुम यह कहना, “क्या प्रजा को अपने परमेश्‍वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये? क्या जीवितों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?” 20व्यवस्था और चितौनी ही की चर्चा किया करो!

दूसरे संभव अर्थ हैं १) वो तुमसे कहेंगे, “ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं,”क्‍या लोगो को उनके देवताओ से पूछना नही चाहीऐ? उन्हें शिक्षण के लिए और गवाही के लिए जीवित लोगों की ओर से मृतकों से परामर्श करना चाहिए।" या 2) "जब वे आपसे कहते हैं, 'माध्यमों और जादूगरों के साथ परामर्श करें, जो लोग चहकते हैं और गुनगुनाना चाहते हैं," क्या लोगों को उनके परमेश्वर से सलाह लेनी चाहिए ? क्या उन्हें जीवित लोगों की ओर से मृतकों से परामर्श करना चाहिए? कानून के लिए और गवाही के लिए! "

जब लोग तुम से कहें,

“उनहे” शब्‍द यहोवा पर भरोसा ना रखने वाले लोगों को दर्शाता है। “तुम“ शब्‍द बहुवचन है और यहोवा पर भरोसा रखने वालो को दर्शाता है।

ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो

“माध्यमों और जादूगरों से पुछो कि तुम्हे क्‍या करना चाहीऐ”

ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो

जो मरे हुवो से बात करने का दावा करते है।

जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं,”

“जो मरे हुओ से बात करने की कोशिश में जादूगरी के शब्‍दों को गुनगूनाते और फुसफूसाते है“

गुनगुनाते

पंछीयों कि तरह आवाज बनाना।

क्या प्रजा को अपने परमेश्‍वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये?क्या जीवितों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?

"लेकिन लोगों को मार्ग दर्शन के लिऐ यहोवा से पूछना चाहीऐ उन्हें उन लोगों से जवाब नहीं मांगना चाहिए जो मरे हुऐ हैं।"

व्यवस्था और चितौनी

संभव अर्थ हैं १) परमेश्‍वर की शिक्षा और निर्देश पर ध्‍यान दिलाना” २) “तुम्हे जो शिक्षा और चितौनी मैंने दी है याद रखना है“

व्यवस्था

यह वही अनुवादिक शब्‍द है “अधिकारिक दर्ज करना”

चितौनी

लिखित पत्र को इसके ऊपर लिखे हुऐ संदेश

यदि वे लोग इस वचनों के अनुसार न बोलें

“यदि वह व्यवस्था और चितौनी के बारे बात ना करें“

निश्चय उनके लिये पौ न फटेगी।

“यह इसलिए है क्‍योकि वह उस व्यक्‍ति की तरह है जो कि अंधेरे में खो गया है।”