hi_tn/isa/08/14.md

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सामान्‍य जानकारी

यशायाह यहोवा का अप्रत्यक्ष उद्धरण जारी रखता है जो 8:11 में शुरू हुआ था।

वह शरणस्थान होगा*

“वह उनकी रक्षा करेगा जब वह उसके पास जाऐंगे”

परन्तु इस्राएल के दोनों घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान,

“वह अपने लोगो का नुकसान करेगा, जैसे के रास्ते का पत्‍थर जो कि लोगो के पाऔं कि ठोकर है और ठेस लगेगी और ऐक ऐसा पत्‍थर जिसके कारण लोग गिरते है”

यरूशलेम के निवासियों के लिये फंदा और जाल होगा।

वह यरूशलम के लोगो के लिए फंदा होगा कि वह उस से कही भाग नही सकते।”

जाल

एक उपकरण जिससे पंछी को जाल या टोकरी में फांसते है।

फंदा

एक जाल जिससे जानवरो की टांग और नाक को जकड़ा जा सके।

बहुत से लोग ठोकर खाएँगे; वे गिरेंगे और चकनाचूर होंगे; वे फंदे में फसेंगे और पकड़े जाएँगे।”

“बहुत से लोग पत्‍थर के कारण ठोकर खांऐगे और वह गिरेंगे वह उठ नही पाऐगे। और बहुत से लोग फंदे मे फस जाऐगे और वह निकलने के योग्‍य नही होंगे“

फंदे में फसेंगे और पकड़े जाएँगे।”

इन दोनो शब्‍दो का सामन्‍य रूप में एक ही अर्थ है और इस बात पर जोर देते है कि वह जाल में फस जाऐंगे।