hi_tn/isa/08/09.md

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तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े किए जाएँगे;

“मै तुम्हारी सैनायों के टुकड़े -टुकड़े कर दूंगा”

हे पृथ्वी के दूर-दूर देश के सब लोगों कान लगाकर सुनो,

“सुनो तुम सारे जो दूर देशों में रहते हो"

अपनी-अपनी कमर कसो तो कसो, परन्तु तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े किए जाएँगे;

“तुम युद्ध के लिए अपने आप को तैयार करो,पर मैं तुम्हें हरा दूंगा”

तुम युक्ति करो तो करो, परन्तु वह निष्फल हो जाएगी, तुम कुछ भी कहो, परन्तु तुम्हारा कहा हुआ ठहरेगा नहीं

तुम यहूदा पर हमले की तैयारी कर सकते हो पर तुम सफल नही होगे”

परन्तु वह निष्फल हो जाएगी ... परन्तु तुम्हारा कहा हुआ ठहरेगा नहीं,

“तुम जो कुछ करना चाहोगे असफल हो जाओगे...तुम्हारे सिपाही सेना पती के अनुसार नही कर पाऐंगे”