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सामान्य जानकारी
यशायाह लगातार उस समय का वर्नण कर रहा है जब अश्शूर की सेना इस्राएल पर हमला करेगी।
सी समय प्रभु फरात के पारवाले अश्शूर के राजा रूपी भाड़े के उस्तरे से
“उस्तरा” शब्द अश्शूर के राजा और उसकी सेना कि लिए एक उपमनाम है, और यहोवा राजा की बात ऐसे कहता है जैसे कि राजा उसका आदमी है और वह उसी का काम कर रहा है और यहोवा से पैसे लेता है। “ यहोवा फरात की नदी से पार अपने काम तुम्हे मूँड़वाने के लिए अश्शूर के राजा को बुलाऐगा”
भाड़े के उस्तरे से
“जिसको उसने खरीदा”
सिर... पाँवों के रोएँ ... दाढ़ी भी
किसी के सर को मूँड़वाना एक बूरी बात है; यह ओर भी बुरा है किसी के टांगो के बालो को मूँड़वाना ; यह सबसे बुरा था कि किसी की दाढ़ी को मूँड़वाना।
सिर...पाँवों के रोएँ ... दाढ़ी
यशायाह यह नही बताता कि किसका सर, बाल, और दाढ़ी यहोवा मूँड़वाने वाला है, परंन्तु आहाज और पाठक यह समझ सकते है कि वह एक आदमी है; आदमी एक उपनाम है यहूदा देश में रहने वाले लोगो के लिए।
सिर
“सर के बाल”
पाँवों के रोएँ
संभव अर्थ हैं १)यह एक सभ्या रूप से निचले शरीर के बालो की बात करने का तरीका है और २)यह टांगो के उपर के बालो को बताता है।
पूरी मुँड़ जाएगी
“उस्तरा मुँड़ भी देगा” यदि आपकी भाषा में “ मुँड़ .... देगा” में किसी व्याक्ति का विशय होना जरूरी है तो आप कह सकते है, “ प्रभू मुँड़ भी देगा।”
और वे इतना दूध देंगी कि
“क्योकि वह बहुत ज्यादा दूँध देंगी”