hi_tn/isa/06/04.md

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सामान्‍य जानकारी

यशायाह लगातार अपने दर्शन का उल्‍लेख कर रहा है।

पुकारनेवाले के शब्द से डेवढ़ियों की नींवें डोल उठी,

जब सरापीम पूकारते थे, उनकी आवाज नीहो और फाटको को हिलाकर रख देती थी”

भवन धुएँ से भर गया

“और धूवे ने मंन्‍दिर को भर दिया” या “राजमहल धूवे से भर गया।“

तब मैंने कहा, “हाय! हाय*! मैं नाश हुआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूँ,

“मैं एक बहुत बड़ी मुसीबत में हूँ! भयानक चीजें मेरे साथ होंगी”

अशुद्ध होंठवाला

यहा पर “होंठ” व्याक्‍ति के कहने को दीखाता है। और लोग जो कह रहे हैं परमेश्‍वर को नामन्‍जूर है जैसे कि भोतिम रूप से वह अशुद्ध है।

यहोवा, सेनाओं के यहोवा

“यहोवा, दूतो की सैना का सरदार”

अपनी आँखों से देखा है

आँखे यहाँ पर पूरे व्‍यक्‍ति को बयान करती है। “मैंने देखा है।”